BA Semester-5 Paper-1 Fine Arts - Hindi book by - Saral Prshnottar Group - बीए सेमेस्टर-5 पेपर-1 चित्रकला - भारतीय वास्तुकला का इतिहास - सरल प्रश्नोत्तर समूह
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बीए सेमेस्टर-5 पेपर-1 चित्रकला - भारतीय वास्तुकला का इतिहास

सरल प्रश्नोत्तर समूह

प्रकाशक : सरल प्रश्नोत्तर सीरीज प्रकाशित वर्ष : 2023
पृष्ठ :180
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 2803
आईएसबीएन :0

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बीए सेमेस्टर-5 पेपर-1 चित्रकला - भारतीय वास्तुकला का इतिहास - सरल प्रश्नोत्तर

प्रश्न- शाहजहाँ कालीन चित्रकला मुगल शैली पर प्रकाश डालिए।

सम्बन्धित लघु उत्तरीय प्रश्न
1. जहाँगीर के समय के चित्रों में मुख्य विशेषताएँ क्या हैं?
2. जहाँगीर के चित्रों की रंग योजना कैसी थी?

उत्तर-

शाहजहाँ कालीन चित्रकला की मुगल शैली

जहाँगीर की मृत्यु के बाद सन् 1626 में शाहजहाँ राजगद्दी पर बैठा परन्तु जहाँगीर की तरह उसे चित्रकला से प्रेम नहीं था। वह बहुत शौक़ीन था परन्तु उसका शौक भवन-निर्माण कला में अधिक हुआ। आगरे का ताजमहल, लालकिला आदि उसने कई भव्य किले तथा महल बनवाये।

जहाँगीर के समय से चले आ रहे चित्रकारों ने चित्र तो बनाये परन्तु वे सब राज वैभव तथा नारी - सौन्दर्य आदि तक ही सीमित रहे। उन कलाकारों को अपनी कला स्वतन्त्र रूप से सृजन करने का अवसर शाहजहाँ ने नहीं दिया। इन बचे हुए चित्रकारों में, जिन्होंने शाहजहाँ के काल में भी चित्र रचनाएँ की, मनोहर, मोहम्मद नादिर, विचत्तर, गोवर्द्धन, होनहार, चित्रमन व बालचन्द आदि कलाकारों के नाम उल्लेखनीय हैं।

शाहजहाँ ने अपने काल के इतिहास की एक प्रति 'बादशाहनामा' के नाम से चित्रित कराई जिसमें कई सौ चित्र थे। अब ये चित्र इधर-उधर बिखर गये हैं। अधिकतर ब्रिटेन में विंडसर पैलेस में सुरक्षित हैं।

शाहजहाँ की 'सन्तों से भेटों' के चित्र बहुत सजीव व स्वतन्त्र रचनाएँ हैं जो राजवैभव व जकड़ बन्दी में नहीं है। कुछ ईसाई धर्म सम्बन्धी चित्र भी प्राप्त हैं जिनमें वास्तविकता तथा सौन्दर्य है।

इस समय के कुछ 'स्याह कलम' के चित्र भी मिलते हैं जो केवल काली रेखाओं के चित्रण हैं इनमें रंग नहीं हैं। चित्र बनाकर उनमें ऊपर से अण्डे की सफेदी का लेप चढ़ा दिया गया है जिससे काली रेखाएँ सुरक्षित बनी रहें।

शाहजहाँ के युग में जहाँगीर की चित्र परम्परा के अनुकूल ही चित्र रचना बराबर होती रही, परन्तु चित्र उस स्तर के नहीं बने जिस स्तर के जहाँगीर के समय में बने थे। शाहजहाँ दरबारी अदब व कायदे का बहुत मानने वाला था। यही बात उसके समय के चित्रों में भी मिलती है। दरबार के चित्रों में जिसका जहाँ स्थान है वह वहीं पर अंकित किया गया है। कुछ चित्रकार भी ऐसे चित्र बनाने में बन्धन का अनुभव करते थे, क्योंकि चित्र बनाते समय उसे दरबार के पूरे अनुशासन का ध्यान रखना पड़ता था। एक व्यक्ति भी यदि गलत जगह चित्रित हो गया तो शाहजहाँ नाराज हो जायेगा, यह बन्धन चित्रकार को मौलिक रूप से स्वतन्त्र चित्रण नहीं करने देता था जिसका परिणाम यह हुआ कि चित्र रचना का स्तर कम होने लगा। इस प्रकोर का एक दरबारी चित्र ऑक्सफोर्ड के पुस्तकालय में सुरक्षित है। जिसमें शाहजहाँ अपने दीवाने आम में एक फारसी राजदूत का स्वागत करता दिखाया गया है। यह राजदूत शाहजहाँ के दरबार में शाह अब्बास के पुत्र शाह सूफी द्वारा जो उस समय फारस का शंहशाह था भेजा गया था। यह राजदूत अपने साथ कुछ भेंट भी लाया जिसमें पाँच अरबी घोड़े थे तथा कुछ अन्य बहुमूल्य वस्तुएँ थीं (चित्र में शंहशाह अपने ऊँचे सिंहासन पर बैठा है, नीचे फारसी व्यक्तियों का दल है। राजदूत सलाम कर रहा है, कुछ व्यक्ति थालियों में उपहार लिये खड़े हैं और नीचे की ओर पाँच घोड़े भी खड़े हैं। मुगल अधिकारी अपने-अपने स्थान पर खड़े हैं, वेशभूषा में दोनों में अन्तर है जो फारसी व भारतीयों में विभिन्नता दर्शाता है।)

इस प्रकार बहुत से दरबारी चित्र अब भी प्राप्य हैं जिनमें दरबारी शान-शौकत तथा अनुशासन के दर्शन होते हैं।

इस समय के व्यक्ति चित्रण व छवि चित्रण करने वाले कलाकारों में मीर काशिम का नाम उल्लेखनीय है। इसके बनाये हुए बहुत से चित्र विभिन्न संग्रहालयों में सुरक्षित हैं। उनमें एक 'मुगल सरदार' का चित्र पेरिस में एम० डिमोटी के संग्रह में है।

शाहजहाँ के बड़े लड़के दाराशिकोह को भी चित्रकला का बड़ा शौक था। वह चित्र का संग्रह करता था और चित्रों पर हस्ताक्षर कर देता था। इण्डिया ऑफिस लाइब्रेरी लन्दन में दारा शिकोह का एक व्यक्ति चित्र है तथा इसके संग्रह में एक चित्र बत्तखों का है जो बहुत सुन्दर हैं परन्तु इस कला प्रेमी को औरंगजेब के अत्याचार के कारण भागना पड़ा और एक कला प्रेमी कला की सेवा न कर सका। इस समय चित्रों के हाशियों में बादल व देव दूतों का चित्रण है।

 

शाहजहाँ कालीन मुगल शैली की विशेषता

1. व्यक्ति चित्र - इस शैली में व्यक्ति चित्र खूब बने। शाहजहाँ ने सूफी सन्तों, परिचितों तथा अपने अपने के सदस्यों के व्यक्ति चित्र बनवाए।

2. सोने-चाँदी के रंगों का प्रयोग - सोने-चाँदी के रंगों का अत्यधिक प्रयोग कुछ चित्रों में मिलता है जिसके कारण सजीवता में कमी प्रतीत होती है।

3. अदब कायदे के चित्र - चित्रों में अदब कायदे का बहुत अधिक चित्रण हैं जो भी दरबारी जिस स्थिति में होना चाहिए वहीं वह चित्रित हुआ। यदि थोड़ा भी अंकन में अन्तर आ जाता था तो शाहजहाँ नाराज हो जाता था।

4. शाहजहाँ की सन्तों से भेंट -  इस विषय में चित्र बहुत सुन्दर बने हैं। इनमें जकड़बन्दी या अदब कायदा इतना नहीं है।

5. ईसाई धर्म सम्बन्धी चित्र - कुछ ईसाई धर्म सम्बन्धी चित्र बहुत सुन्दर बने हैं। जिनमें यूरोपियन प्रभाव स्पष्ट दृष्टिगोचर होता है।

6. स्याह कलम के चित्र - इस समय केवल काली रेखा से कुछ चित्रों को बिना रंग के बनाया गया है जिन्हें स्याह कलम के चित्र कहते हैं। अण्डे के लेप से इन चित्रों को सुरक्षित किया गया है। इनमें बहुत महीन व सुन्दर रेखाओं का प्रयोग है।

8. महीन पच्चीकारी - गलीचों, आभूषणों, परदों और भवन सज्जा में बहुत महीन पच्चीकारी का प्रयोग मिलता है। बेल-बूटे बहुत उच्च स्तर के बनाये गये हैं।

9. रंग योजना - रंग योजना में बहुत परिश्रम किया गया प्रतीत होता है। बहुत सावधानी से समुचित रंगों का प्रयोग इस शैली के चित्रों में देखने को मिलता है। छाया प्रकाश दिखाने का भी प्रयास किया गया है।

इस प्रकार इस चित्र शैली में ह्रास प्रारम्भ हो गया था और जो कला जहाँगीर के समय चरम परिणति पर पहुँची थी उसका स्तर गिरता चला गया।

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    अनुक्रम

  1. प्रश्न- 'सिन्धु घाटी स्थापत्य' शीर्षक पर एक निबन्ध लिखिए।
  2. प्रश्न- मोहनजोदड़ो व हड़प्पा के कला नमूने विकसित कला के हैं। कैसे?
  3. प्रश्न- सिन्धु घाटी सभ्यता की खोज किसने की तथा वहाँ का स्वरूप कैसा था?
  4. प्रश्न- सिन्धु घाटी सभ्यता की मूर्ति शिल्प कला किस प्रकार की थी?
  5. प्रश्न- सिन्धु घाटी सभ्यता के अवशेष कहाँ-कहाँ प्राप्त हुए हैं?
  6. प्रश्न- सिन्धु घाटी सभ्यता का पतन किस प्रकार हुआ?
  7. प्रश्न- सिन्धु घाटी सभ्यता के चरण कितने हैं?
  8. प्रश्न- सिन्धु घाटी सभ्यता का नगर विन्यास तथा कृषि कार्य कैसा था?
  9. प्रश्न- सिन्धु घाटी सभ्यता की अर्थव्यवस्था तथा शिल्पकला कैसी थी?
  10. प्रश्न- सिन्धु घाटी सभ्यता की संस्थाओं और धार्मिक विचारों पर लेख लिखिए।
  11. प्रश्न- प्राचीन भारतीय वास्तुकला का परिचय दीजिए।
  12. प्रश्न- भारत की प्रागैतिहासिक कला पर एक संक्षिप्त लेख लिखिए।
  13. प्रश्न- प्रागैतिहासिक कला की प्रविधि एवं विशेषताएँ बताइए।
  14. प्रश्न- बाघ की गुफाओं के चित्रों का वर्णन एवं उनकी सराहना कीजिए।
  15. प्रश्न- 'बादामी गुफा के चित्रों' के सम्बन्ध में पूर्ण विवरण दीजिए।
  16. प्रश्न- प्रारम्भिक भारतीय रॉक कट गुफाएँ कहाँ मिली हैं?
  17. प्रश्न- दूसरी शताब्दी के बाद गुफाओं का निर्माण कार्य किस ओर अग्रसर हुआ?
  18. प्रश्न- बौद्ध काल की चित्रकला का परिचय दीजिए।
  19. प्रश्न- गुप्तकाल को कला का स्वर्ण काल क्यों कहा जाता है?
  20. प्रश्न- गुप्तकाल की मूर्तिकला पर एक लेख लिखिए।
  21. प्रश्न- गुप्तकालीन मूर्तिकला के विषय में आप क्या जानते हैं?
  22. प्रश्न- गुप्तकालीन मन्दिरों में की गई कारीगरी का वर्णन कीजिए।
  23. प्रश्न- गुप्तकालीन बौद्ध मूर्तियाँ कैसी थीं?
  24. प्रश्न- गुप्तकाल का पारिवारिक जीवन कैसा था?
  25. प्रश्न- गुप्तकाल में स्त्रियों की स्थिति कैसी थी?
  26. प्रश्न- गुप्तकालीन मूर्तिकला में किन-किन धातुओं का प्रयोग किया गया था?
  27. प्रश्न- गुप्तकालीन मूर्तिकला के विकास पर प्रकाश डालिए।
  28. प्रश्न- गुप्तकालीन मूर्तिकला के केन्द्र कहाँ-कहाँ स्थित हैं?
  29. प्रश्न- भारतीय प्रमुख प्राचीन मन्दिर वास्तुकला पर एक निबन्ध लिखिए।
  30. प्रश्न- भारत की प्राचीन स्थापत्य कला में मन्दिरों का क्या स्थान है?
  31. प्रश्न- प्रारम्भिक हिन्दू मन्दिर कौन-से हैं?
  32. प्रश्न- भारतीय मन्दिर वास्तुकला की प्रमुख शैलियाँ कौन-सी हैं? तथा इसके सिद्धान्त कौन-से हैं?
  33. प्रश्न- हिन्दू मन्दिर की वास्तुकला कितने प्रकार की होती है?
  34. प्रश्न- जैन धर्म से सम्बन्धित मन्दिर कहाँ-कहाँ प्राप्त हुए हैं?
  35. प्रश्न- खजुराहो के मूर्ति शिल्प के विषय में आप क्या जानते हैं?
  36. प्रश्न- भारत में जैन मन्दिर कहाँ-कहाँ मिले हैं?
  37. प्रश्न- इंडो-इस्लामिक वास्तुकला कहाँ की देन हैं? वर्णन कीजिए।
  38. प्रश्न- भारत में इस्लामी वास्तुकला के लोकप्रिय उदाहरण कौन से हैं?
  39. प्रश्न- इण्डो-इस्लामिक वास्तुकला की इमारतों का परिचय दीजिए।
  40. प्रश्न- इण्डो इस्लामिक वास्तुकला के उत्कृष्ट नमूने के रूप में ताजमहल की कारीगरी का वर्णन दीजिए।
  41. प्रश्न- दिल्ली सल्तनत द्वारा कौन सी शैली की विशेषताएँ पसंद की जाती थीं?
  42. प्रश्न- इंडो इस्लामिक वास्तुकला की विशेषताएँ बताइए।
  43. प्रश्न- भारत में इस्लामी वास्तुकला की विशेषताएँ बताइए।
  44. प्रश्न- इण्डो-इस्लामिक वास्तुकला में हमें किस-किसके उदाहरण देखने को मिलते हैं?
  45. प्रश्न- इण्डो-इस्लामिक वास्तुकला को परम्परा की दृष्टि से कितनी श्रेणियों में बाँटा जाता है?
  46. प्रश्न- इण्डो-इस्लामिक आर्किटेक्ट्स के पीछे का इतिहास क्या है?
  47. प्रश्न- इण्डो-इस्लामिक आर्किटेक्ट्स की विभिन्न विशेषताएँ क्या हैं?
  48. प्रश्न- भारत इस्लामी वास्तुकला के उदाहरण क्या हैं?
  49. प्रश्न- भारत में मुगल साम्राज्य की स्थापना कैसे हुई? तथा अपने काल में इन्होंने कला के क्षेत्र में क्या कार्य किए?
  50. प्रश्न- मुख्य मुगल स्मारक कौन से हैं?
  51. प्रश्न- मुगल वास्तुकला के अभिलक्षणिक अवयव कौन से हैं?
  52. प्रश्न- भारत में मुगल वास्तुकला को आकार देने वाली 10 इमारतें कौन सी हैं?
  53. प्रश्न- जहाँगीर की चित्रकला शैली की विशेषताएँ लिखिए।
  54. प्रश्न- शाहजहाँ कालीन चित्रकला मुगल शैली पर प्रकाश डालिए।
  55. प्रश्न- मुगल वास्तुकला की विशेषताएँ बताइए।
  56. प्रश्न- अकबर कालीन मुगल शैली की विशेषताएँ लिखिए।
  57. प्रश्न- मुगल वास्तुकला किसका मिश्रण है?
  58. प्रश्न- मुगल कौन थे?
  59. प्रश्न- मुगल वास्तुकला की मुख्य विशेषताएँ क्या हैं?
  60. प्रश्न- भारत में मुगल साम्राज्य की स्थापना कैसे हुई? तथा अपने काल में इन्होंने कला के क्षेत्र में क्या कार्य किए?
  61. प्रश्न- राजस्थान की वास्तुकला का परिचय दीजिए।
  62. प्रश्न- राजस्थानी वास्तुकला पर निबन्ध लिखिए तथा उदाहरण भी दीजिए।
  63. प्रश्न- राजस्थान के पाँच शीर्ष वास्तुशिल्प कार्यों का परिचय दीजिए।
  64. प्रश्न- हवेली से क्या तात्पर्य है?
  65. प्रश्न- राजस्थानी शैली के कुछ उदाहरण दीजिए।

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